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23 सेप्टेम्बर से खुलने जा रहे सीमा गेट से एक तरफ भारत और भूटान दोनों ओर खुशी वही दूसरी ओर आवाजाही के नियमों को लेकर लोगों में असमंजस भी।


23 सेप्टेम्बर को सीमा गेट खुलने की खबर से एक तरफ भारत और भूटान दोनों ओर खुशी वही ंदूसरी ओर आवाजाही के नियमों को लेकर लोगों में असमंजस भी। 


भूटान गेट

आखिरकार करीब ढाई वर्षों के बाद भूटान अपनी सीमा द्वार पर्यटकों के लिए खोलने जा रहा है। अढ़ाई वर्ष बाद 23 सेप्टेम्बर से खुलने जा रहे सीमा गेट से भारत और भूटान दोनों ओर खुशी  देखी जा रही है। हालांकि इस खुशी के बीच भी सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मन में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। आप को बता दें कि कोरोना काल से पहले भूटान के फुन्टशॉलिंग से खरबन्दी गेट तक भारतीय लोग बिना किसी रोक टोक के आवाजाही कर सकते थे वही खरबन्दी से ऊपर थिम्फु , पारू  आदि जैसे जगहों में जाने के लिए लोगों को भूटान के भीतर पास बनाकर जाना पड़ता था। इधर अब भूटान के ओर से पर्यटकों के लिए 1200 रूपये प्रति व्यक्ति प्रति रात्रि का नियम लागू किया गया है और इस नियम के बाद अब लोग यह असमंजस में हैं कि क्या पहले की तरह लोग फुन्टशॉलिंग तक निःशुल्क रूप से आवाजाही कर सकते हैं या नहींं। इसी तरह और भी कई नियम बनाए गए हैं जो लोगो को असमंजस में डाल रहा है। 



व्यवसायी सुनील मोड़ा

इधर जयगाँव हार्डवेयर इलेक्ट्रिकल वेल्फेयर एसोसिएशन के सचिव सुनील मोड़ा ने कहा कि भूटान के ओर से रोज नया नया नोटिफिकेशन निकाला जा रहा है जिससे लोग असमंजस में हैं। उन्होंने कहा कि भूटान गेट खुल रहा है यह अच्छी बात है मगर जयगाँव में वह पुराने दिन वापस आएँगे यह कह पाना मुश्किल लग रहा है। 



व्यवसायी आर एस गुप्ता

इधर जयगाँव मर्चेंट एसोसिएशन के महासचिव आर एस गुप्ता ने कहा कि भूटान गेट खुलने से लोग भले खुश हैं मगर इन अढ़ाई वर्षी में जयगाँव ने बहुत कुछ खो दिया है। यहाँ रहने वाले अधिकांश दुकानदार इन अढ़ाई वर्षो में दूसरी जगह अपना  व्यवसाय जमा लिए हैं अब जब गेट खुल रहा है तब लोग वापस आएँगे या नहीं यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अढ़ाई वर्षो में अगर प्रशासन ने जयगाँव के सुन्दरकर्ण पर भी ध्यान दिया होता तो काफी अच्छा होता मगर अफ़सोस की बात है कि अब जब गेट खुल रहा है और लोग यहाँ पहुचेंगे तब जयगाँव की दुर्दशा देखकर अफसोस करेंगे ,वहीं भूटान में जाकर वहाँ की स्थिति देख जयगाँव के प्रशासन और लोगो को बुरा भला  कहेगें।



समाजसेवी सत्यम गुरूंग

  इधर जयगाँव के समाजसेवी सत्यम गुरुंग ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है की इन अढ़ाई वर्षों में जयगाँव में कुछ सुधार नहीं हुआ है। आज भी यहाँ सड़कों का हाल बदहाल है , निकासी अवस्था खराब है , सड़कों में स्ट्रीट लाइट नहीं जलता है , वाहनों की जाम लगी रहती है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रशासन के पास समय था मगर अफसोस कि बात है कि इन सभी विषयों को लेकर कुछ नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि इसी तरह एक ओर भूटान के फुन्टशॉलिंग के ओर से एंट्री गेट के पास सुंदर व्वयस्था के साथ पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था  किया गया है वहीं हमारे यहाँ अगर पर्यटक आएँगे तो उन्हें बारिश हो या गर्मी उन्हें बिना किसी व्यवस्था  के ही खड़ा रहना होगा।

जयगाँववासी तो यही चाहते हैं कि भारत भूटान के बीच आवाजाही की स्थिति पहले की तरह हो जाए और लोग बेरोकटोक पहले की तरह भारत भूटान आ जा सकें । 

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