प्रतियोगियों के साथ साथ अपनी शारीरिक अक्षमताओं को भी परास्त कर रजक पदक विजेता बने शुभम विश्वकर्मा
प्रतिभा शारीरिक क्षमताओं की मोहताज नहीं होती है।अगर आप मे आत्मविश्वास है और कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो बड़ी से बड़ी तकलीफ भी आप के लिए मामूली हो जाती है। इसी तरह एक अनहोनी सी लगने वाली चुनौती को चीरते हुए कालचीनी प्रखंड के अधीन सताली चाय बागान के रहने वाले शुभम विश्वकर्मा ने क्षेत्र का नाम रोशन करने के कार्य किया है। शुभम विश्वकर्मा दो साल पहले एक कार दुर्घटना का शिकार हो गए थे । इस घटना के बाद से ही उनका दोनों पैर लकवाग्रस्त हो गया था । शुभम ने शारीरिक अक्षमताओं पर काबू पाकर खेल प्रतियोगिता में अनोखी मिसाल कायम की है। इस युवा ने 2 सितंबर से 5 सितंबर तक कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर अलीपुरद्वार जिले का नाम रोशन कर दिया है। गुरुवार को जब वह सताली चाय बागान लौटे तो पड़ोसियों और युवक के दोस्तों ने उनका भब्य स्वागत किया। शुभम ने कहा कि हादसे के बाद उन्होंने नही सोचा था कि मैं सामान्य जीवन में वापस आ पाऊंगा। कुछ दोस्तों और परिवार के सदस्यों ने उन्हें उनकी अपनी ताकत वापस पाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद वे व्हील चेयर पर बैठकर घर के सामने बैडमिंटन की प्रैक्टिस करने लगे। उसके बाद उन्हें कोलकाता प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला।
उन्होंने कहा कि अब वह दिसंबर में गुवाहाटी, असम में आयोजित होने वाले बैडमिंटन प्रतियोगिता में भाग लेंगे और वहां सफल होने पर उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलेगा। पिता मोहन विश्वकर्मा और मां अनीता विश्वकर्मा बेटे के आत्मविश्वास को बल देने का हर प्रयास करते हैं।