जैन समाज के द्वारा मनाया जाने वाला पर्यूषण पर्व आज *खमत खामणा (क्षमा याचना)* के कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ
जयगाॅंव श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के द्वारा जयगाॅंव में पर्यूषण पर्व की धर्म आराधना आज *खमत खामणा (क्षमा याचना)* के कार्यक्रम के साथ संपन्न हुई। जैन समाज के द्वारा मनाया जाने वाला पर्यूषण पर्व एक विशेष पर्व है जो आत्म-शुद्धि अर्थात् व्यक्ति द्वारा जाने-अनजाने हुए पाप कर्मों को त्याग, तपस्या, साधना, आराधना आदि के माध्यम से काटकर कर्म बंधनों से मुक्त होने का पर्व है। यह पर्व प्रति वर्ष की भांति इस बार दिनांक 24 अगस्त से 1 सितंबर तक 9 दिनों के लिए मनाया गया। इसके अंतर्गत सात दिनों तक भगवान महावीर स्वामी समेत चौबीस तीर्थंकरों की जीवनी तथा उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं की कथाएं सुनाई जाती है तथा त्याग, तपस्या आदि के माध्यम से धर्म आराधना कराई जाती है।
इस बार जयगाॅंव में पर्युषण की धर्म आराधना करवाने हेतु जैन तेरापंथ धर्मसंघ के यशस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की महती कृपा से तत्व ज्ञानी प्रवक्ता उपासक श्री हनुमान मलजी दुगड़ तथा सहयोगी उपासक मैनेजमेंट विशेषज्ञ श्री रमेशजी पटावारी जयगाॅंव पधारे। उपासक द्वारा अपनी पूरी योग्यता के साथ 9 दिनों तक स्थानीय समस्त जैन समाज को गहन धर्म आराधना करवाई गई।
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष गणेश सरावगी ने बताया कि जैनों द्वारा की जाने वाली धर्म उपासना एक त्याग प्रधान उपासना है, जिसमें त्याग का अत्यंत महत्व है। उन्होंने बताया कि इस बार पर्यूषण पर्व अत्यंत धार्मिक प्रभावना तथा गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इसमें स्थानीय जैन समाज के समस्त सदस्यों ने अति उत्साह के साथ सहयोग करते हुए धर्मलाभ प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि सात दिनों तक त्याग एवं तपस्या की कथाएँ सुनने के बाद आठवें दिन को संवत्सरी के रूप में मनाया जाता है और इस दिन जैन समाज के सभी सदस्य दिन भर का उपवास रखते हैं। आज के क्षमा याचना दिवस पर सभा मंत्री संपतमल बरड़िया, महिला मंडल अध्यक्षा राजकुमारी घोड़ावत, मंत्री रेखा जम्मड़, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष चंदनमल चोरड़िया, तेरापंथ युवक परिषद के उपाध्यक्ष संजय नाहटा के अलावा जैन समाज के अनेक सदस्यों ने क्षमा याचना करने के साथ ही क्षमा के महत्व पर अपने विचार प्रकट किये। आज के कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती निशा नाहटा ने किया।