जयगांव के इस प्रेमी जोड़े की कहानी जरूर पढ़े।
एक प्यार ऐसा भी।
नेत्रहीन पति ज़हर के साथ आबिदा बीबी |
वत्मान में अभी प्यार का मौसम यानी वैलंटाइन डे का मौसम चल रहा है। इस मौसम में हम आप सब को भारत भूटान सीमावती शहर जयगांव के विवेकानंद पल्ली इलाके में रहने वाले एक प्रेमी जोड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी प्रेम कहानी सुन आप को प्रेम पर विस्वास और अधिक मजबूत हो जाएगा। यह कहानी हैं जहर हुसैन और आबिदा बीबी की । कुछ साल पहले जहर हुसैन दूसरे युवाओं के तरह ही काफी खुशदिल रहने वाले युवा की तरह जीवन जीते थे । मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था और इसी बीच अचानक एक हादसे में वह नेत्रहीन हो गए। इधर नेत्रहीन होने के बाद वह किस तरह अपने आगे की जीवन जिए इसको लेकर वह काफी चिंता में रह रहे थे इसी बीच उनकी सपनो की रानी यानी आबिदा बीबी ने उन्के जीवन मे एंट्री मारी और एक रिस्तेदार के घर दोनों का मुलाकात हुवा। कहते है ना कि प्यार अंधा होता हैं और यह बात यहाँ सच हुई और पहले दोस्ती से आरम्भ हुई यह रिश्ता कब प्रेम में बदल गया यह दोनों ने भी नही समझा। आबिदा बीबी ने कहा कि वह पहली नजर में ही जहर हुसैन से प्यार करनी लगी मानो हम दोनों कई जन्मों के प्रेमी थे। एक रिस्तेदार के घर हम दोनों मीले थे जहाँ दोनों के बीच बातचीत से दोस्ती आरम्भ हुई और इसी बीच दोनों में प्यार कब हुआ पता भी नही चला ।
नेत्रहीन से वीवाह करने को तैयार हुई आबिदा
उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि एक नेत्रहीन के साथ मेरा जीवन जीना मुश्किल होगा मगर में यह चुनोती लेने के लिए तैयार थी मगर यह इतना आसान नही था। जब मैंने मेरे प्रेम के बारे में घर वालो को बोला तो परिवार ने मुझे काफी डाटा और किसी भी कीमत में वह नेत्रहीन के साथ मेरा वीवाह करने को राजी नही हो रहे थे मगर अंत मे मेरे जिद ने परिवार को हम दोनों को एक कर दिया और हमारी मुस्लिम परंपरा से वीवाह हो गई । उन्होंने कहा कि इस जगह से हमारे जीवन का सफर आरम्भ हुवा । पहले परिवार में ससुर हमारे लिए ढाल बन कर साथ दिया करते थे और जीवन चल रहा था मगर यह ज्यादा दिनों तक नही चला और मुझे घर की दहलीज पार कर बाहर निकल काम कर अपना और अपने पति का पालन पोषण करना आरंभ करने पड़ा । इधर इसी बीच हमारे घर एक बच्ची का जन्म हो गया और हमारा छोटा सा परिवार जिनका जिमेवारी मेरे नाजुक कंधों पर था और अधिक बढ़ गया । उन्होंने कहा कि परिवार का पालन पोषण के लिए वह भूटान में जाकर पार्किंग ड्यूटी में काम कर किसी तरह परिवार का पालन पोषण करने लगी जो जैसे तैसे चल रहा था मगर इधर कोरोना के बाद आरम्भ हुवा भूटान गेट बंद के बाद वह काम भी बंद हो गया। उन्होंने कहा कि वह अब परिवार का पेट पालन के लिए दूसरों के घरों में करती है और हम दोनों पति पत्नी में जो प्रेम सुरुवात में था वह आज भी और अधिक मजबूत हो गया हैं।
उन्के घर अभी एक नए सदस्य यानी बेटे ने लिया है जन्म
उन्होंने कहा कि वतमान में परिवार में एक और सदस्य यानी पुत्र का जन्म हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगो के जीवन मे सुख दुख आते रहते हैं मगर पति पत्नी को आपस मे प्रेम और विसवास हमेशा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह अपना टूटा हुआ घर बना नही पा रही है और सरकारी सहायता के रूप में भी उन्हें कुछ नही मिल रहा है यहां तक कि राशन कार्ड भी जेनरल रहने के कारण उन्हें राशन का कोई लाभ भी नही मिलता। इधर आबिदा के पति मोहम्मद जहर हुसैन ने कहा कि में बहुत खुशकिस्मत हु जो मूझे ऐसे धर्मपत्नी मिली हैं। उन्होंने कहा कि एक नेत्रहीन को जीवनसाथी बनाकर यह जीवन जी रही हैं । उन्होंने कहा कि आज के नए पीढ़ी थोड़े से परेशानी झेल हार मान लेते हैं मगर आबिदा इतना कष्ट सहने के बाद भी ढाल की तरह हमेशा खड़ी रहती हैं और हमेशा मुस्कुराते रहती हैं। इधर विवेकानंद इलाके के पंचायत सदस्य के पुत्र दीपक दास ने कहा कि आबिदा बीबी की जितना तारीफ की जाए कम है । आज के इस युग मे भी ऐसे महिला हैं जी एक नेत्रहीन को जीवन साथी बनाकर जी रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजना के लाभ सरूप 100 दिन काम इन्हें दिया जाता हैं और इनका घर का सर्वे हुवा हैं । उन्होंने कहा कि लष्मी भंडार में कोई समस्या होने के कारण वत्मान में इन्हें वह लाभ नही मिल रहा हैं मगर जल्द दुआरे सरकार में फिर से इन्हें लष्मी भंडार का फार्म भरवाया जायेगा ताकि इन्हें लष्मी भंडार का लाभ मिल सके । उन्होंने कहा कि इस परिवार को सहयोग की भी आवश्कता हैं अगर कोई चाहे सरकारी या निजी तौर पर सहयोग करे तो काफी अच्छा होगा। इधर इस्तानीय निवासी कृष्णा कर्माकर ने कहा यह दोनों जोड़ी काफी प्रेम के साथ रहते हैं और सभी इनकी तरफ करते हैं। उन्होंने कहा कि आबिदा बीबी एक ऐसी महिला हैं जिसकी तारीफ हर कोई करता हैं। इधर जयगांव दो नम्बर ग्राम पंचायत के प्रधान छूंकु लामा ने कहा कि इस परिवार को सरकारी सहायता मिले इसका प्रयास किया जाएगा।