विवाह समारोह में किए जाने वाले अनावश्यक खर्च , अनावश्यक रीति रिवाजों को रोके जाने का पहल करेगा माहेश्वरी समाज
Maheshwari samaj meeting |
विवाह समारोह में किए जाने वाले अनावश्यक खर्च , अनावश्यक रीति रिवाजों को रोके जाने का पहल करने हेतु आज कुछ नियम बनाते हेतु जयगांव के हनुमान मंदिर धर्मशाला में जयगांव माहेश्वरी समाज की और से सभा सम्पन्न की गई। इस सभा की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठ रावत मल राठी के द्वारा किया गया था जहा इस सभा में माहेश्वरी सभा के सचिव गोपीकिशन राठी , अध्यक्ष के अनुपस्थिति में प्रतिनिधि के रूप में लक्ष्मीनारायण मूंधड़ा , लीलाधर राठी , महावीर मूंधड़ा , गोविंद पेड़ीवाल , श्याम सुन्दर मूंधड़ा , जयंत मूंधड़ा , गिरधारी राठी , बालकिशन सोनी , दुर्गाप्रसाद सोनी , नन्दकिशोर जाजू और समाज के वरिष्ठ , युवा ओर महिला सदस्य उपस्थित थे । इस सभा में समाज के विवाह समारोह में होने वाले अनावश्यक खर्च , अनावश्यक रीति रिवाजों को बंद और कम करने के बारे में चर्चा करके कुछ विषयों पर नियम बनाये गये है।
वीवाह के अवसर में होने वाले कई अनावश्यक रीति रिवाजों को बंद करने पर सहमति बन गई हैं । जयंत मुन्द्रा
माहेश्वरी समाज |
संस्था के जयंत मुन्द्रा ने कहा कि इस जगह इस बैठक में वीवाह के अवसर में होने वाले वीभीन्न खर्चा पर रोक लगाए जाने का सहमति बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वीवाह के अवसर में मंगल गीत का रोवज है जहां आने वाली महिलाओं को वस्तुएं बांटी जाती है या फिर नगद राशि दिया जाता है उसे बंद किये जाने का निर्णय लिया गया है वही इसके विकल्प के रूप में गूड़ , बताशा , नारियल गट्ट आदि भेंट कीया जा सकता है । इसी तरह वीवाह के अवसर में बान अपने खास रिश्तेदारों के अलावा समाज की बान लेना बंद कर दिया गया हैं । उन्होंने कहा कि वीवाह से पूर्ण प्रि वैडिंग का एक गलत चलन चल रहा था जिसे आज इस बैठक के बाद बंद कर दिया गया हैं इसी तरह वीवाह के अवसर में दिए जाने वाले बैचलर पार्टी पर भी रोक लगा दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह वीवाह के अवसर में समाज की महिलाओं का विवाह समारोह के दौरान सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर नाचने पर रोक लगा दिया गया है मगर इसके वीकल्प सरूप इसके स्थान पर महिला विवाह भवन के परकोटे के अन्दर नाच और मनोरंजन कर सकती है। उन्होंने कहा कि वीवाह के अवसर में बाटे जाने वाले निमंत्रण पत्र के साथ मिठाई व ड्राई फ्रूट्स बांटना पर भी पूर्णतया बंद दिया गया है।
वीवाह के अवसर में ना किया जाए अनं का अपमान
जयगांव माहेश्वरी समाज |
उन्होंने कहा कि इसी तरह वीवाह समारोह के दौरान वरमाला के समय वर वधू को परिजनों व मित्रों द्वारा उंचा उठा लेना आदि किया जाता है इससे दुर्घटना होने की संभावना रहती है इसलिए वरमाला कार्यक्रम सरल ढंग से करने का सुझाव दिया गया हैं । इसी तरह भोज व हाईटी - विवाह समारोहों में जूठन बहुत होने लग गई है , इस पर अंकुश लगाने हेतु विवाह भोज ( रिसेप्शन ) व संगीत संध्या में हाईटी सहित 25 व्यंजन करने का नियम बनाया गया हैं यहां सलाद , चटनी , अचार ,चाय व कॉफी की गिनती 25 में नहीं रखी गई है। उन्होंने कहा कि यह सभी नियम आज के बैठक में सर्व सम्मति से पारित भी किया गया है और आज से अब इन नियमों का उलंघन ना हो इसको लेकर निगरानी के लिए नौ सदस्यों का एक निरीक्षक टीम भी बनाया गया है । उन्होंने कहा कि इस टीम में लीलाधर राठी , जयंत मूंधड़ा , श्याम सुंदर मूंधड़ा , गोविंद पेड़ीवाल , दुर्गाप्रसाद सोनी , बालकिशन सोनी , सीताराम मल्ल , सरीता बाहेती , सरीता सोनी को रखा गया है । उन्होंने कहा कि इस जगह बनाए गए इन सामाजिक नियमों का उलंघन करने वालो के खीलाफ सामाजिक दंड का प्रावधान भी निर्धारित किया गया है।