शुभेंदु अधिकारी ने की अमित शाह से 25 मिनट की अहम बैठक, बंगाल की राजनीति में हलचल तेज
– 2026 चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था और राजनीतिक हिंसा पर विस्तृत चर्चा
अशोक झा/सिलीगुड़ी:
पश्चिम बंगाल की सियासत में बुधवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। नई दिल्ली स्थित संसद भवन में हुई यह बैठक करीब 25 मिनट चली और इसे सीधे-सीधे 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
सुवेंदु अधिकारी ने खुद सोशल मीडिया पर लिखा—
“आज नई दिल्ली में संसद में गृह मंत्री अमित शाह के ऑफिस में करीब 25 मिनट की बहुत अच्छी मीटिंग हुई।”
इस एक ट्वीट ने ही बंगाल के राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ा दी। भाजपा समर्थक इस मुलाकात को चुनावी रणनीति का शुरुआती संकेत बता रहे हैं, वहीं टीएमसी इसे “राजनीतिक हताशा” करार दे रही है।
बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
सूत्रों के अनुसार अमित शाह–सुवेंदु अधिकारी की बैठक में मुख्य रूप से ये मुद्दे शामिल रहे—
- राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति
- राजनीतिक हिंसा और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले
- संगठन के “विस्थापित कार्यकर्ताओं” की सुरक्षा व्यवस्था
- 2026 चुनावों के लिए भाजपा की प्रारंभिक रणनीति
- बंगाल संगठन में संभावित बदलाव और जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण
सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए अगले कुछ महीनों में बड़े कदम उठाने के संकेत दे दिए हैं।
सुवेंदु अधिकारी—बंगाल में भाजपा की सबसे बड़ी उम्मीद
पार्टी के अंदर सुवेंदु अधिकारी को ममता बनर्जी सरकार के सबसे कड़े राजनीतिक विरोधी और बीजेपी की मुख्य ताकत माना जाता है। ऐसे में अमित शाह का उनके साथ विस्तृत चर्चा करना इस बात का संकेत है कि आने वाले महीनों में भाजपा और आक्रामक अभियान चलाने जा रही है।
चुनाव आयोग में ‘खतरनाक’ दावा: 1 करोड़ 25 लाख नामों का संशोधन
अमित शाह से मुलाकात के तुरंत बाद सुवेंदु अधिकारी राष्ट्रीय चुनाव आयोग पहुँचे और चुनाव आयुक्त विवेक जोशी से मुलाकात की।
बाहर निकलकर उन्होंने बड़ा आरोप लगाया—
“26, 27 और 28 नवंबर को बीएलओ से ओटीपी लेकर 1 करोड़ 25 लाख नामों को डिजिटाइज़ किया गया है।
कई बांग्लादेशी घुसपैठियों के माता-पिता के नाम बदलकर यह सब किया गया है।
यह गतिविधि बेहद खतरनाक है और मुस्लिम बहुल इलाकों में अधिक दिखेगी।”
यह आरोप ऐसे समय आया है जब टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पहले भी इस पूरी प्रक्रिया को अमित शाह की चालाकी बता चुकी हैं। इसलिए शुभेंदु का यह बयान राजनीतिक तौर पर और भी ज्यादा मायने रखता है।
टीएमसी ने बैठक को बताया 'सामान्य', लेकिन संकेत गंभीर
टीएमसी ने इस मुलाकात को सामान्य राजनीतिक बैठक बताते हुए इसे हल्का करने की कोशिश की है, पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि—
- दिल्ली में इतनी उच्च स्तरीय मुलाकात
- उसके तुरंत बाद चुनाव आयोग में शिकायत
- और 2026 चुनाव की टाइमिंग
…ये सभी संकेत बंगाल की राजनीति में तेज उठापटक की तरफ इशारा करते हैं।
2026 से पहले बंगाल में बढ़ेगा राजनीतिक तापमान
2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मजबूत विपक्ष खड़ा किया था। अब 2026 में सत्ता की दावेदारी को और मजबूत करने के लिए पार्टी केंद्रीय स्तर पर नए टैक्टिक्स तैयार कर रही है।
शुभेंदु अधिकारी की यह बैठक भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआती रूपरेखा मानी जा रही है। आने वाले दिनों में राजनीति की गर्मी और बढ़ेगी, यह तय है।
