बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के भीतर बढ़ते आंतरिक संघर्ष में 100 से अधिक लोग घायल
कम से कम 20 गांवों के हजारों लोग संघर्ष में शामिल; पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की हालत नाजुक
पुत्र बोले—लंदन से लौटना मुश्किल; यूनुस ने कहा—बांग्लादेश को कोई आपत्ति नहीं
बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा:
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के भीतर बढ़ते आंतरिक संघर्ष ने फरीदपुर जिले के साल्था उपजिला में बड़ा रूप ले लिया, जहां प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश में भारी बवाल हो गया। प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोग घायल हुए। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी है।
स्थानीय लोगों के हवाले से बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र द बिजनेस स्टैंडर्ड ने बताया कि फरीदपुर की गट्टी यूनियन में बीएनपी नेता जाहिद मटुब्बोर और नुरू मटुब्बोर के समर्थकों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद हाल के हफ्तों में और बढ़ गया, जिसके चलते कई बार झड़पें हुईं। रिपोर्टों के अनुसार, शनिवार को तनाव फिर से बढ़ गया जब दोनों पक्षों के समर्थक ढाल, भाले और बांस की लाठियों जैसे स्थानीय हथियारों से लैस होकर हिंसक संघर्ष में भिड़ गए।
घटना की पुष्टि करते हुए साल्था पुलिस स्टेशन के प्रभारी (जांच) के एम मारुफ हसन रसेल ने कहा कि लंबी कोशिशों के बाद सुबह लगभग 11:45 बजे स्थिति को नियंत्रण में किया गया। व्यवस्था बनाए रखने और आगे किसी भी अशांति को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
गट्टी यूनियन के बलिया बाज़ार इलाके में तीन स्थानों पर झड़पें हुईं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कम से कम 20 गांवों के हजारों लोग इसमें शामिल थे। इस दौरान लगभग 20 घरों में तोड़फोड़ की गई और एक पशुशाला में लूटपाट भी हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हिंसा के कारण इलाके का माहौल युद्धक्षेत्र जैसा हो गया और महिलाओं व बच्चों को सुरक्षा की तलाश में भागना पड़ा। अस्पताल सूत्रों ने पुष्टि की है कि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 50 गंभीर हालत में फरीदपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में भी बांग्लादेश के कई जिलों में पार्टी टिकट से वंचित उम्मीदवारों के बीच हुई हिंसक झड़पों में एक बीएनपी सदस्य की मौत और 18 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी।
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खालिदा जिया की हालत चिंताजनक, बेटा बोले—वापस लौटना उनके हाथ में नहीं
बीएनपी की स्व-निर्वासित कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने शनिवार को कहा कि उनका स्वदेश लौटना पूरी तरह उनके नियंत्रण में नहीं है—ऐसे समय में जब उनकी मां और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं।
खालिदा जिया (80) को सीने में संक्रमण के बाद 23 नवंबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संक्रमण के कारण उनके हृदय और फेफड़े दोनों प्रभावित हुए हैं। लंदन से शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए रहमान (60) ने कहा कि किसी भी बच्चे की तरह वह इस संकट की घड़ी में अपनी मां के पास रहना चाहते हैं। वह 2008 से ब्रिटेन में रह रहे हैं।
उन्होंने लिखा, “लेकिन दूसरों के विपरीत, इस संबंध में एकतरफा निर्णय लेना न तो मेरे हाथ में है और न ही पूरी तरह मेरे नियंत्रण में। मामले की संवेदनशीलता व्यापक व्याख्या की अनुमति नहीं देती।”
उन्होंने कहा कि परिवार को उम्मीद है कि “एक बार मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियां अपेक्षित स्तर पर पहुंच जाएंगी, तो मेरे देश लौटने का लंबा इंतजार समाप्त हो जाएगा।” हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह बांग्लादेश क्यों नहीं लौट पा रहे हैं। ब्रिटेन ने भी गोपनीयता प्रावधानों का हवाला देते हुए इस पर कोई जानकारी साझा नहीं की है।
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“उनकी वापसी पर कोई आपत्ति नहीं”: यूनुस
रहमान के बयान के कुछ ही घंटों बाद, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने कहा कि अंतरिम सरकार को उनकी बांग्लादेश वापसी पर कोई आपत्ति नहीं है।
यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इस मामले में सरकार की ओर से कोई प्रतिबंध या आपत्ति नहीं है।”
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राष्ट्रपति ने जताई चिंता
इस बीच, बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने खालिदा जिया की बिगड़ती सेहत पर गहरी चिंता व्यक्त की और देशवासियों से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करने का अनुरोध किया।
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा, “देश के लोकतांत्रिक परिवर्तन के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, मैं पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
अस्पताल में भर्ती होने के चार दिन बाद उन्हें कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) में स्थानांतरित किया गया, क्योंकि उनकी कई स्वास्थ्य समस्याएं जटिल हो गई थीं।
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अस्पताल के बाहर जुटे समर्थक
बीएनपी द्वारा भीड़ न लगाने का अनुरोध करने के बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक अस्पताल के बाहर जमा हुए।
अस्पताल प्रशासन की ओर से शनिवार को कोई आधिकारिक स्वास्थ्य अपडेट नहीं दिया गया, लेकिन बीएनपी महासचिव मिर्ज़ा फ़ख़रुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि उनकी हालत “बेहद गंभीर” है।
पार्टी ने शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद देशभर की मस्जिदों में उनके लिए विशेष दुआ करने का आह्वान भी किया था।
