हाथियों की मौत को रोकने के लिए पहली बार डुआर्स के रेलवे लाइन पर संवेदनशील सेंसर लगाए गए
रेलवे लाइन पर ट्रेन की चपेट में आने से होने वाली हाथियों की मौत को रोकने के लिए रेलवे की ओर से पहली बार डुआर्स के रेलवे लाइन पर संवेदनशील सेंसर लगाए गए हैं । डुवार्स में हाथी का निकलना आम बात है। यह हाथी रेलवे लाइन और सड़कों से होते हुए जंगल में आवाजाही करते हैं । रेलवे लाइन और सड़क पर कई बार हाथियों का झुंड देखा जाता है। कई बार यह हाथी ट्रेन ट्रैक में ही रुक जाते हैं और ट्रेन के धक्के से हाथी घायल हो जाते हैं और कई बार हाथी की मौत भी हो चुकी है। हाथी को ट्रेन से होने वाले दुर्घटना को रोके जाने हेतु रेलवे और वन विभाग ने कई उपाय निकले हैं। डुआर्स के वन क्षेत्र में ट्रेनों की रफ्तार को धीमी किए जाने , हाथी कॉरिडोर में अंडरपास का निर्माण आदि पर इसके बावजूद भी कभी-कभी हाथी रेलवे लाइन पर आ ही जाते हैं और हादसे हो ही जाते हैं।
इधर इस दुर्घटना को रोकने के लिए देश में पहला संवेदनशील सेंसर डुआर्स के रेलवे लाइन पर लगाया गया है। डुआर्स में डायना रेलवे ब्रिज से लेकर अलीपुरद्वार जिले के बिरपाड़ा दलगांव ब्रिज तक प्रायोगिक तौर पर इस सेंसर को लगाया गया है । यह संवेदनशील सेंसर को इस तरह से बनाया गया है कि यह हाथी के रेलवे लाइन के किनारे आते ही बज उठेगा और इसकी सूचना तत्काल निकट के रेलवे स्टेशन पर पहुँच जाएगी जहाँ लगाया गया अलार्म बज उठेगा ।
सोमवार को इस परीक्षण के लिए गोरुमारा से केरन और बानरहाट के मध्य स्थित रेड बैंक चाय बागान में अवस्थित रेल पटरी पर कुनकी हाथी लाए गए थे और यह हाथी जैसे ही रेल पटरी के निकट पहुँचे यह अलार्म सिस्टम बजने लगा । बताया गया है कि अगर यह प्रयास सफल हो जाता है तो आगामी दिनों में डुआर्स सहित देश के अन्य स्थानों में भी सेंसर सिस्टम लगाए जायेंगे । इस बीच पर्यावरणविदों ने रेलवे की इस पहल की सराहना की है।